अनंत है ममता तेरी, छोर नहीं कोई पाने को,
आजन्म ऋणी है तेरे माँ, कुछ भी नहीं चुकाने को,
माँ सृष्टा भी तुम हो,सृष्टि भी तुम हो,
जननी भी तुम हो, जगत भी तुम हो,
तुम सृजनहार,तुम पालनहार
मेरा नमन तुम्हे है माँ बार बार।
तुम बिन ये संसार अधूरा,तुम बिन मेरा जीवन है कोरा,
तुम जब करीब न हो तो लगे हर दिशा में अँधेरा,
तुम जब करीब हो तो मिले हर पल रोशन सवेरा
तेरी ममता की कोई तुलना नहीं,
प्यार देने में कोई कमी नहीं,
कमी है तो केवल हम बच्चो में,
जिन्हे तेरी ममता की परवा नहीं।
नौ महीने तक सहा तुमने जिसके लिए दर्द हर रोज़,
जिन्हे देना चाहिए तुम्हे सहारा, अफ़सोस,
वही आज तुम्हे समझ रहे हैं अपने जीवन में बोझ।
तूने हर कदम पे अपनी ममता का प्रमाण दिया,
खोट है मुझमे, करता हूँ नादानी,फिर भी मुझ पर गुमान किआ
लानत है मुझपर जो तेरी ममता का अपमान किआ।
भटक गया हूँ,चला गया हूँ माँ तुझसे कितना दूर,
बस पुकार देकर आखरी बार बुला दे,
चाहता हूँ तू पकड़े मेरा कान,
और मुझको सही राह दिखला दे माँ, मुझको सही राह दिखला दे।