बिताने को एक पल नहीं किसी के पास,
कहने को साथ है जीवनभर का,
नहीं चाहिए ये दौलत इसे,
भूखा है इंसान प्यार का।
चलना तुझे सिखाया जिसने,
मुश्किलों से लड़ना सिखाया जिसने,
वो रह गया है पिता केवल नाम का,
तुझसे कुछ नहीं मांगता बेटा,
भूखा हूँ मैं तो तेरे प्यार का।
दुनिया में जो तुझे लेकर आयी,
तेरी खातिर उसने तकलीफ उठाई,
9 महीनों तक उसने तेरा बोझ उठाया,
ज़िन्दगी भर तेरा दर्द अपनाया,
तेरी जिसने इतनी सेवा की,
वो आज भी कुछ ना मांगती,
भूखी है वो माँ आज भी तेरे प्यार की।
क्या हो गयी है आज तेरी दशा,
दौलत का चढ़ गया है तझे नशा,
होता था जिसे एहसास प्यार का,
भूखा है वो आज खुमार का,
अब मर गया उसका ज़मीर,
जी रहा है केवल एक शरीर,
तरसता है वो किसी के साथ का,
क्यूंकि, आज भी भूखा है इंसान, प्यार का।
Kya umda khayaal ko bayaan kia hai..harek shbd ka sahi sayojan..!!
ReplyDeletenyc .. :)
ReplyDeletethank u abhilekh and nivedita :)
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